भक्तिकालीन हिंदी साहित्य और तत्कालीन परिस्थितियाँ
हिंदी साहित्य के कालविभाजन और नामकरण के आधार पर संवत 1375-1700 वि. तक के कालखण्ड में सृजित हिंदी साहित्य में भक्ति भावना की प्रधानता होने के कारण आचार्य शुल्क ने इस काल को भक्तिकाल का नाम दिया है। प्रमुख आलोचक डा. नगेन्द्र ने इस समय सीमा को 1350-1650 ई. माना है। आदिकाल के वीरता और […]