2023-02-17

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अगर आप एक ब्लॉगर हैं और नियमित रूप ब्लॉगिंग करते हैं तो आपके ब्लॉग पाठकों के साथ-साथ गूगल आदि जैसे सर्च इंजनों में अच्छी रैंकिंग के लिए ताज़ा और नवीनतम सामग्री बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। लेकिन, जब आप बहुत सोच-विचार करने के बाद भी कुछ नया नहीं लिख पा रहे हैं। दिमाग के घोड़े दौड़ा-दौड़ा कर थक गये हैं किंतु फिर भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या लिखें ? ऐसे में आप क्या करते हैं? यह लेख इसी बारे में है, जब आप ब्लॉगिंग कर रहे हों तो गति और निरंतरता कैसे बनाए रखें?

Blogging post Ideas

यदि आप ब्लॉगिंग शूरू कर चुके हैं तो आप इस बात से भलीभांति परिचित होंगे कि अपने ब्लॉग में पाठकों की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए नए विषय से संबंधित सामग्री कितनी महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम इस बात पर चर्चा करने जा रहे हैं कि आप अपने ब्लॉग के लिए निरंतर नई और उपयोगी सामग्री का चयन कैसे कर सकते हैं?

पहली शर्त है कि आप जिस बारे में लिखने जा रहे हैं, वह एक ऐसा विषय होना चाहिए जिसके बारे में आप भावनात्मक रूप से जुड़े हों या कम से कम से उस विषय में रुचि तो अवश्य रखते हों। यदि आपने ब्लॉगिंग को अपने नए करियर के रूप में चुना है, तो आप किसी भी ऐसी चीज के बारे में लिखकर खुद को धोखा तो नहीं देना चाहेंगे जिसमें आपकी रुचि शून्य हो। अन्यथा, आप बहुत जल्द ही ब्लॉगिंग से ऊब जाएंगे और बहुत संभवना है कि ब्लॉगिंग छोड़कर आप पुनः अपने  पुराने काम पर भी लौट सकते हैं!

आपके लेखन के माध्यम से आपकी भावनाएँ, विचार और मनोभाव प्रकट होते हैं, इसलिए आपके पाठक किसी भी ऐसे विषय के प्रति आपकी उदासीनता को अवश्य नोटिस कर लेंगे जो आपको उबाऊ लगता है। अपने व्यक्तित्व और रुचियों तथा ज्ञान के अनुसार लिखना आरंभ कीजिए। जबरदस्ती लेखन से आप ब्लॉगिंग की दुनिया में कभी भी स्थापित नहीं हो सकते।

एक बार जब आप अपना मुख्य विषय चुन लेते हैं - अपने ब्लॉग पर पोस्ट करना शुरू कर दीजिए और इसे हर दिन कम से कम एक बार करने की आदत डालने की कोशिश कीजिए। जरूरी नहीं कि हर बार यह एक लंबी पोस्ट ही होनी चाहिए; यह आज के समाचार पत्र में पढ़ी गई किसी घटना पर एक संक्षिप्त टिप्पणी हो सकती है अथवा आज नाश्ते के समय आपने टीवी पर समाचारों में जो खंड देखा है, उस पर भी कोई टिप्पणी हो सकती है। अपने ब्लॉगिंग कैरियर को एक विशाल कंटेनर जहाज के रूप में देखिए, जिसे शुरू-शुरू में आगे बढ़ाने के लिए बहुत प्रयास करने की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, आप केवल एक या दो फुट हिलेंगे और बाद में आप धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे और फिर एक क्षण ऐसा भी आएगा कि जब आप अपनी पूरी गति और लय को प्राप्त कर लेंगे। इसके बाद आप पाएंगे कि ब्लॉगिंग की यह यात्रा बहुत आसान और रोमांचक है और फिर आप इतनी चेजी से आगे बढ़ेंगे कि रुकना मुश्किल हो जाएगा। 

फिर भी, भले ही आप अपने विषय को कितनी भी अच्छी तरह से क्यों न जानते हों, आप किसी न किसी बिंदु पर नए इनपुट और विचारों की कमी का सामना अवश्य करने जा रहे हैं, तो आइए वेब-सामग्री अथवा ब्लॉगिंग कंटेट के बारे में कुछ विचार-मंथन करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा करते हैं - 

1. अपने ब्लॉग विषय से संबंधित वर्तमान हलचल पर नजर रखें:

देखें कि आपके विषय के संबंध में  वर्तमान में क्या चर्चा चल रही है और इस स्थिति पर अन्य ब्लॉगर्स का क्या कहना है? आप इसके लिए गूगल सर्च का उपयोग कर सकते हैं। किसी ब्लॉग एग्रीगेटर पर जाकर संबंधिक विषय से संबंधित पोस्ट खोज सकते हैं। इसके साथ ही आप अन्य ब्लॉग लेखों पर टिप्पणी कर सकते हैं और ब्ल़ॉग लेखकों तथा पाठकों को अपने ब्लॉग पर राय व्यक्त करने के लिए आमंत्रिक कर सकता हैं। आपको अन्य ब्लॉगों से सीखते रहना चाहिए।  

2. अन्य ब्लॉगर्स के साथ संपर्क:

एक बार जब आप अन्य ब्लॉगर्स के साथ संपर्क स्थापित कर लेते हैं, तो आपके पास कुछ समय तक लगातार लिखते रहने के लिए लगभग पर्याप्त इनपुट सामग्री उपलब्ध हो जाएगी। इसके बाद लिखने के लिए सामग्री की खोज करने लिए बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। क्या आप अभी भी अटके हुए हैं, तो आप स्थानीय समाचार पत्र या ऑनलाइन पत्र-पत्रिकाओं में अपने ब्लॉग के मुख्य विषय (niche) से संबंधित समाचार लेख भी देख सकते हैं।

3. अपने ब्लॉग के मुख्य विषय (niche) से संबंधित फ़ोरम में शामिल होनाः

अपने ब्लॉग के मुख्य विषय से संबंधित कुछ फ़ोरम आदि में शामिल होते समय केवल उन लोगों को चुनें जो आपके विशेष क्षेत्र पर सबसे अधिक केंद्रित हैं। आप अन्य लोगों के साथ भी बातचीत में शामिल हो सकते हैं जो आपकी रुचियों और विषय के बारे में चर्चा करते हैं। यह कुछ लिखने के लिए एक प्रश्नोत्तर बैंक बनाने और किसी टॉपिक के बारे में दिलचस्प चर्चा करने का एक शानदार तरीका है। इसका एक अतिरिक्त लाभ यह भी है कि आपके फ़ोरम पोस्ट से आपके ब्लॉग के लिए काफी आसानी से ट्रैफ़िक भी मिल जाता है जो आपके लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है। 

अपनी दैनिक पोस्टिंग आदत को बनाए रखने का प्रयास करें। प्रमुख सर्च इंजन ताजा और नई सामग्री पसंद करते हैं और ऐसा होने पर आपके ब्लॉग को बार-बार अच्छी रैंकिंग के साथ  दिखाने की संभावना बढ़ जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपको अतिरिक्त ट्रैफ़िक भी मिलेगा। किसी भी बलॉग की सफलता के लिए गलातार ट्रैफिक का आना पहली शर्त है। 

ट्रैफ़िक के विषय पर भविष्य के किसी लेख में चर्चा की जाएगी, इसलिए अभी इसके बारे में चिंता न करें। बस लिखते रहें...पोस्ट करते रहें और उस गति बढ़ाते रहें। इससे पहले कि आप इसे और अच्छे से जानें, आप एक स्थापित ब्लॉगर बन चुके होंगे!  शुभकामनाएं के साथ। 

आपके विचारों, सुझावों व प्रतिक्रियाओं का स्वागत है। 

2023-02-14

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भारत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते स्मार्टफोन बाजारों में से एक है। डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) से संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगातार विकास हो रहा है। जनसंख्या के आधार पर चीन के बाद 140 करोड़ की आबादी के साथ भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में करोड़ों लोग एक-दूसरे कनेक्ट रहने के साथ ही विभिन्न डिजिटल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। आजकल मोबाइल फोन का मतलब होता है - स्मार्टफोन! भारत में आज दर्जनों Smart Phone Brand धूम मचा रहे हैं। सबका अपना-अपना ग्राहक वर्ग (Conjumer Base) है। इतने सारे अलग-अलग स्मार्टफोन ब्रांडों में से चुनने के लिए यह तय करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है कि कौन सा ब्रांड आपके लिए सही है। इस पोस्ट में हम भारतीय लोगों के बीच Trending में रहने वाले कुछ शीर्ष स्मार्टफ़ोन ब्रांडों (Top Smart Phone Brands in India) पर करीब से नज़र डालेंगे।

Trending Smartphone Brands in India

Xiaomi :

Xiaomi एक चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी है। बहुत कम समय में यह भारत में सबसे लोकप्रिय ब्रांडों में से एक बन गया है। Xiaomi अपने किफायती लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले स्मार्टफोन के लिए जाना जाता है। अपनी फीचर-पैक डिवाइस और आक्रामक मूल्य निर्धारण रणनीति के कारण Xiaomi ने भारत में एक अलग ग्राहक वर्ग बनाने में कामयाब हासिल की है। कंपनी के Redmi और Mi सीरीज के स्मार्टफोन भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, और पैसे के लिहाज से ये फोन शानदार वैल्यू उपलब्ध कराते हैं।

SAMSUNG :

सैमसंग एक कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज कंपनी है। भारतीय स्मार्टफोन बाजार में Samsung वर्षों से एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है। सैमसंग Galexy S सीरीज़ जैसे अपने हाई-एंड फ्लैगशिप डिवाइसों के साथ-साथ अपनी मिड-रेंज और बजट पेशकशों के लिए जाना जाता है। सैमसंग विभिन्न उपयोगकर्ता जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मार्टफोन की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है। कंपनी के मजबूत वितरण नेटवर्क और विपणन प्रयासों ने भी इसे भारतीय बाजार में मजबूत स्थिति बनाए रखने में मदद की है।

Realme :

भारतीय स्मार्टफोन बाजार में Realme अपेक्षाकृत एक नया खिलाड़ी है, लेकिन सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले फोन उपलब्ध कराने के कारण भारत में यह बहुत ही तेजी से प्रतिष्ठित हो रहा है। Realme एक अन्य चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Oppo का एक उप-ब्रांड है। युवा उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए Oppe ने भी भारतीय बाजार में स्मार्टफोन की एक विस्तृत श्रृंखला लाँच की है। कंपनी की मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति और सोशल मीडिया मार्केटिंग के बल पर भारत में एक बड़ा और मजबूत ग्राहक वर्ग हासिल किया है। 

Vivo :

वीवो एक और चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी है जिसने भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। कंपनी अपने स्टाइलिश और इनोवेटिव डिवाइसेज के लिए जानी जाती है। Vivo अपने कैमरा-केंद्रित स्मार्टफोन्स के साथ युवा उपभोक्ताओं को टारगेट करने में सफल रही है। वीवो की भारत में एक मजबूत रिटेल ऑफ़लाइन उपस्थिति है, जिसने इसे एक वफादार ग्राहक आधार हासिल करने में मदद की है।

Apple :

Apple का iPhone एक प्रीमियम स्मार्टफोन ब्रांड है। iPhone की उच्च कीमत होने बावजूद भारत में इसका इपना एक एलग और समर्पित ग्राहक वर्ग है। उच्च गुणवत्ता और बेहतरीन डिजाइन और शानदार ब्रांड वैल्यू ने कंपनी को भारतीय बाजार में एक मजबूत स्थिति और प्रतिष्ठा ने बनाए रखने में मदद की है। Apple की डिवाइस और अन्य  उपकरण विशेष रूप से  पेशेवरों (Professonals) और उच्च श्रेणी के उपभोक्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। मजबूत आफ्टर-सेल्स सर्विस नेटवर्क और शानदार मार्केटिंग प्रयासों ने Apple को दुनिया भर के साथ ही भारत में भी एक प्रीमियम ब्रांड बनाए रखने में मदद की है।

निष्कर्ष :

हमने आपको भारत में ट्रेंड कर रहे कुछ शीर्ष स्मार्टफोन ब्रांड के में बताने का प्रयास किया है। उपर्युक्त के अलावा अन्य उल्लेखनीय ब्रांडों में Oneplus, Motorola, Nokia आदि भी शामिल हैं। स्मार्टफोन चुनते समय, अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और प्राथमिकताओं के साथ-साथ विभिन्न उपकरणों की विशेषताओं और विशिष्टताओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। इतने सारे अलग-अलग ब्रांड और मॉडलों में से आपके लिए अवश्य ही एक अच्छा स्मार्टफोन मिल जाएगा। 

2020-03-13

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आपने देखा होगा कि कुछ समय बाद आपके स्मार्टफोन की बैटरी जल्दी-जल्दी डिस्चार्ज होना शुरू हो जाती हैं और आप महसूस करते हो कि आपके फ़ोन की बैटरी अब पहले जितनी नहीं चल पा रही है। इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसी टिप्स और तथ्य बताने वाला हूँ जिनके बारे संभवतः बहुत कम लोगों को ही पता होगा और ये टिप्स आपके फोन की बैटरी को लंबे समय तक बचाए रखने के लिए बहुत काम आने वाले हैं। अतः इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। इस लेख में मैंने फोन की बैटरी के संपूर्ण जीवनकाल और दैनिक बैकअप समय के बारे में भी कुछ उपयोगी और जरूरी बातें बताने की कोशिश की है।
Battery Saving Tips Images

स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ को कैसे बढ़ाएं, ये जानने से पहले आपको ये जरूर जानना चाहिए कि जो ये स्मार्टफोन की चार्जिंग और डिस्चार्ज की साईकल या मैं कहूँ चक्र कैसे काम करता है और इसका मतलब क्या होता हैं ? तो मैं आपको एक जरूरी नियम बता दूं जो लिथियम बैटरी निर्माता खुद बताते हैं। वो बताते हैं कि जब भी आपका फ़ोन 400 बार चार्जिंग चक्र पूरा कर लेता हैं तो उसकी बैटरी की क्षमता सामान्य से 20% कम हो जाती हैं। अब आपके दिमाग में सवाल आ रहा होगा कि ये बैटरी चक्र क्या होता हैं? इसे ऐसे समझते हैं कि जब भी आपका स्मार्टफोन 0 से 100% तक चार्ज होता हैं तो वह एक चक्र पूरा कर लेता है। या फिर 0 से 50%  बार चार्ज करने के बाद जब अगली बार आप 0 से 50% चार्ज कर लेते हो तो एक चार्जिंग चक्र पूरा हो जाता है। तो अब आप जान गए होगे कि चार्जिंग चक्र क्या होता है। चलिए अब मैं आपको कुछ टिप्स बताता हूँ जो आपकी बैटरी की लाइफ को काफी हद तक बड़ा सकते हैं।

फोन की बैटरी को कितना चार्ज करना चाहिए?

अगर बैटरी एक इंसान होती तो वो 0-20% तक चार्ज पर काफी खराब महसूस करती और अगर 40-80 % तक चार्ज रहती तो काफी अच्छा महसूस करती लेकिन जब 90% तक या इससे ज्यादा चार्ज रहती तो काफी दबाव महसूस करती।  आसान शब्दों में कहूँ तो आपको फ़ोन को इसी रेंज में चार्ज रखना है, मतलब जब आपका फ़ोन 20% के आसपास तक आ जाये तो चार्जिंग पर लगा दें और 80-85% होने पर हटा दें। सिर्फ आप इतना भी करेंगे तो आप पाओगे की 0-100% चार्ज करने की तुलना में जब आप 20-85% तक चार्ज करते हो तो बैटरी की लाइफ 20% तक बड़ जाएगा।

फोन की बैटरी पर फास्ट चार्जिंग का क्या प्रभाव पड़ता हैं?

आजकल मिड-रेंज के फ़ोन भी फास्ट चार्जिंग के साथ आने लगे हैं कंपनियां कहती है कि 50W का चार्जर है 25 मिनिट में 0-100% यानि कि फुल बैटरी चार्ज हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हों जितनी ज्यादा फास्ट चार्जिंग होगी बैटरी के ऊपर उतना ही ज्यादा दबाव बनता है और बैटरी गर्म भी होती हैं तो। एक बात और बताऊँ ये हीट या  ताप बैटरी का बड़ा दुश्मन है, कोशिश कीजिये जब भी आप फ़ोन चार्जिंग पर लगाएं तो तापमान कम हो, इसलिए मैं कहता हूं कि चार्ज करते समय अपने फ़ोन का कवर हटा कर रखना चाहिए। फास्ट चार्जिंग आपका काफी ज्यादा समय बचाती है पर इससे बैटरी पर उतना ही बुरा प्रभाव भी पड़ता है। मेरा तो मानना है कि जब फास्ट चार्जिंग की बहुत ज्यादा जरूरत हो तभी इस्तेमाल करें अन्यथा सामान्य चार्जिंग ही करें। स्लो या सामान्य चार्जर से चार्ज करने पर आपकी बैटरी की लाइफ कुछ हद तक अवश्य बढ़ेगी। अगर आप समान बैटरी के दो फोन लो और एक को फास्ट चार्जर से चार्ज करे जबकि दूसरे को नॉर्मल चार्जर से तो आप पाओगे की नॉर्मल चार्जर वाले फ़ोन की बैटरी लाइफ फास्ट चार्जिंग वाले फोन की तुलना में ज्यादा होगी। 

क्या पूरी रात फ़ोन को चार्जिंग पे लगा के रखना सुरक्षित हैं?

हमेशा ये सवाल लोगों के दिमाग में रहता है कि क्या फ़ोन को पूरी रात चार्जिंग पे लगाना सुरक्षित हैं? तो अगर आपका चार्जर 5W या 10W का है तो कोई दिक्कत नहीं लेकिन फास्ट चार्जर के साथ फोन को पूरी रात तक चार्ज नहीं करना चाहिए। फास्ट चार्जर सिर्फ आधे से एक या डेढ़ घण्टे में बैटरी को पूरी तरह चार्ज कर देता है। ऐसा करने से कुछ होता तो नहीं है लेकिन फ़ोन थोड़ा ज्यादा ही गर्म होने लग जायेगा और ऐसा करना ठीक भी नहीं है। स्लो चार्जर के साथ मुझे नहीं लगता की कोई परेशानी होगी कम से कम आज के मॉडर्न फोन्स और बैटरीज में तो नहीं होनी चाहिए।

ऑरिजिनल चार्जर का ही उपयोग करना चाहिए

ये बात तो आपने कही बार सुनी ही होगी कि कभी भी मार्केट से दूसरी थर्ड पार्टी कंपनियों के चार्जर से फोन को चार्ज नहीं करना चाहिए। हमेशा अपने फ़ोन के साथ आने वाले ऑरिजिनल चार्जर से ही फ़ोन को चार्ज करें। अगर आप फोन के ऑरिजिनल चार्जर से बैटरी चार्ज नहीं करते हो तो ऐसा करने से आपकी बैटरी को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। मान लीजिए कि अगर आपके पास Samsung का गैलेक्सी M30 है तो उस फ़ोन के डिब्बे में जो चार्जर आया है सिर्फ उससे ही चार्ज कीजिए। अगर खराब हो गया हो तो ऑरिजिनल ही लीजिए कुछ 200-400 रुपये आपके ज्यादा लगेंगे लेकिन ऑरिजिनल चार्जर ही लीजिए। ठीक इसी तरह चार्जिंग केबल भी ऑरिजिनल ही काम में ले। खराब, डुप्लीकेट या किसी थर्ड पार्टी कंपनी के चार्जर के इस्तेमाल से आपके फ़ोन की बैटरी के फटने के भी खतरा रहता हैं।

चार्जिंग के समय वातावरण कैसा होना चाहिए?

आपको फोन को ज्यादा गर्म या ठण्डे तापमान में नहीं रखना चाहिए। मान लीजिये की अगर आप किसी ठण्डे इलाके में रहते हो तो फ़ोन को बाहर चार्ज न करें इससे बैटरी पर काफी दबाव बनता है, या फिर आप किचन में हो तो आग या किसी गर्म चीज के पास भी फोन को चार्जिंग पर नहीं लगाए। सामान्य तापमान पर फ़ोन को चार्ज कीजिये ज्यादा गर्म या ठंडा तापमान बैटरी के लिए सही नहीं हैं।

क्या फोन को स्विच ऑफ करके रखना चाहिए?

अगर आपको फोन को 1 या 2 महीने के लिए काम में नहीं लेना है तो उसे स्विच ऑफ करके नहीं रखे। ये बात काफी कम लोग जानते होंगे कि फोन को स्विच ऑफ करने के बाद बैटरी और ज्यादा तेजी से अपनी क्षमता खोती जाती हैं, इसका मतलब एक फोन अगर आप 20-40% तक चार्ज करो फिर कुछ सप्ताह बाद फिर से 20-40% चार्ज करो और रख दो, ये जो बैटरी होगी ये काफी स्वस्थ होगी। अगर आपने फ़ोन को स्विच ऑफ या बंद करके रख दिया तो बैटरी की क्षमता कम होगी, ऐसा विशेषज्ञ मानते हैं।

बैटरी बैकअप समय को कैसे बढ़ाये?

अगर एमोलेड डिस्प्ले (amoled screen) हो फोन में तो कैसे बैटरी बचाए?

आजकल फास्ट चार्जिंग के साथ फोनों मे एमोलेड स्क्रीन्स (amoled screen) भी आने लगी है। अब मैं आपको कुछ ऐसी टिप्स बताऊंगा जिसकी मदद से अगर आपके पास एमोलेड स्क्रीन वाला फ़ोन है जो सामन्यतः 10 घण्टे का बैटरी बैकअप देता हो तो आप उसे कैसे 10 घंटे की बजाए 14-15 घंटों तक का बैटरी बैकअप पा सकें। सबसे बड़ी चीज जो आप आपके एमोलेड स्क्रीन वाले फ़ोन में कर सकते है वो हैं डार्क या ब्लैक वॉलपेपर का उपयोग करना। एमोलेड स्क्रीन में ब्लैक कलर की जगह पर LED लाइट्स बन्द हो जाती हैं। तो एमोलेड स्क्रीन्स में जहाँ भी आपको ब्लैक कलर दिखता है वहाँ बैटरी कम खर्ज होती हैं। याद रखिये डिस्प्ले में सबसे ज्यादा बैटरी की खपत होती है, लेकिन अगर आप एमोलेड डिस्पले पे ब्लैक वॉलपेपर्स का उपयोग करोगे तो आपकी बैटरी 20-30% तक कम खर्च होगी। 

स्क्रीन की ब्राइटनेस या चमक कितनी रखनी चाहिए ?

मुझे पता नहीं क्यों बहुत सारे लोग अपने फोन में फुल ब्राइटनेस रखते हैं। जैसा मैंने कहा डिस्प्ले सबसे ज्यादा बैटरी लेती है, तो हो सके तो ब्राइटनेस को ऑटो पे रखे लेकिन फिर लाइट सेंसर्स ज्यादा बैटरी काम में लेते है। सबसे बढ़िया है कि आप मैन्युअली ब्राइटनेस को कम ज्यादा करें, जी हाँ इसमे आपको थोड़ा ध्यान रखना पड़ेगा लेकिन अगर आपको बैटरी बचानी है तो थोड़ी मेहनत करनी ही पड़ेगी। जब भी आप बाहर जाते हो तो ब्राइटनेस को बड़ा दीजिये और अंदर या कम रोशनी में आ जाओ तो ब्राइटनेस को फिर से कम कर दीजिए।

सॉफ्टवेयर अप्डेट्स

जब भी आपके फ़ोन में सॉफ्टवेयर अपडेट आएं तो तुरंन्त मत कीजिये, बहुत बार ऐसा होता है कि कुछ बग्स (Bugs) आ जाते हैं। आपने तो काफी बार सुना ही होगा कि इस अपडेट में बग्स आ गए या फोन कुछ गड़बड़ करने लगा। तो कुछ समय तक इंतजार करें फिर अपने फोन के सॉफ्टवेयर को अपडेट करें अन्यथा आपकी बैटरी पर इसका दुष्परिणाम हो सकता है।

एप्लीकेशन उपयोग या यूसेज

फेसबुक जैसे एप्लीकेशन को कम ही यूज करें या नहीं करें जो बैकग्राउंड में चलते रहते हैं। बैकग्राउंड में चलने वाले ऐसे एप्लीकेशन आपके फोन की बैटरी को तो मार ही डालते हैं। फेसबुक लाइट और मैसेंजर लाइट जैसे एप्लीकेशन को कम में ले वो कम बैटरी खाते हैं। आपके फोन की सेटिंग में बैटरी यूसेज में जाकर देखिए कि कौन से वो एप्लीकेशन है जो आपकी ज्यादा बैटरी खर्च करते है, उन्हें हटा दीजिये।

स्क्रीन टाइमआउट

बहुत बार जब आप फोन को चलाने के बाद बिना पावर ऑफ बटन दबाये रख देते हो तो फिर आपके फोन की स्क्रीन खुद ही कुछ टाइम बाद बन्द हो जाती है। स्क्रीन को बंद होने में जो समय लगता है उसे स्क्रीन टाइमआउट समय कहते हैं। अतः आपको आपके फ़ोन का स्क्रीन टाइमआउट 30 सेकंड या उससे कम ही रखना चाहिए। क्योंकि बहुत बार हम स्क्रीन ऑफ करना भूल जाते है और फ़ोन 1-2 मिनट तक चालू ही रहता हैं। इससे अधिक बैटरी की खपत होती है। 

बैटरी सेवर मोड

आजकल तो हर फोन में बैटरी सेवर मोड आने लगा है। जब भी आपको लगे कि आपके फोन की बैटरी काफी कम हो गयी है और अभी आपके पास चार्जर नहीं है तो फोन को पावर सेवर मोड में डाल दीजिये। इससे आपके फोन के एंटीना (जैसे NFC और GPS) और सेंसर्स बन्द हो जाते है और वो बैटरी को काम मे नहीं लेते हैं।

बैटरी सेविंग एप्लीकेशन

अब एंड्रॉयड काफी ऑप्टिमाइज़ हो गया है जितना हो सके वो उतनी बैटरी सेव करता है, तो आपको बैटरी सेव करने के लिए अलग से बैटरी सेविंग एप्लीकेशन का उपयोग नहीं करना चाहिए। ये ऍप्लिकेशन्स बैकग्राउंड में चलती रहती है और खुद ही काफी ज्यादा बैटरी खाती हैं। 

बैटरी रिप्लेसमेंट

अगर आपका फोन काफी ज्यादा पुराना हो गया है तो सबसे अच्छा रहेगा कि आप आपके फोन की बैटरी नई लगवा लीजिये। लेकिन ये ध्यान रखे कि बैटरी ऑरिजिनल ही लगवाए कुछ रुपये का ही अंतर पड़ेगा लेकिन आपका फोन ठीक पहले जैसा हो जाएगा और उतना ही बैटरी बैकअप देगा।

दोस्तो उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अब मेरा एक सवाल है आप कमेंट में जवाब दीजिएगा कि आपका फोन कितना बैटरी बैकअप देता है और अभी इस समय आप जब ये आर्टिकल पढ़ रहे हो आपके फोन की बैटरी कितनी है, कमेंट करके जरूर बताएं। दोस्तो कैसा लगा ये आर्टिकल, अच्छा लगा हो तो शेयर भी कीजिये ताकि आपके मित्रों को भी पता चले कि कैसे वो स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बड़ा सकते हैं।

2018-10-01


इंटरनेट आज के समय का एक ऐसा आविष्कार है जिसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। यह इंटरनेट का ही कमाल है कि आज हम पूरी दुनिया को एक वैश्विक गांव (Global Village) के रूप में देखते हैं। इंटरनेट, वर्ल्ड वाइड वेब (www) या सूचना प्रौद्योगिकी के कारण ही आज सूचनाओं, संदेश अथवा डाटा का आदान-प्रदान इतनी तीव्र गति से होने लगा है कि कभी-कभी हमें यह कल्पना मात्र प्रतीत होता है। आइए ! इंटरनेट क्या है, इसका आविष्कार किसने किया, इंटरनेट का मालिक कौन है, इंटरनेट कैसे काम करता है, इंटरनेट के लाभ एवं हानि तथा मानव जीवन और समाज पर इसके व्यापक प्रभाव आदि के बारे में कुछ विस्तार से जानते हैं: -

इंटरनेट की परिभाषा (Definition of the internet):

इंटरनेट शब्द का हिंदी अनुवाद अंतरजाल होता है लेकिन अधिकतर सभी भाषाओं में इसका मूल अंग्रेज़ी शब्द INTERNET ही व्यापक प्रचलन में है। संक्षिप्त रूप में इंटरनेट को ‘नेट’ भी कहा जाता है। जैसा कि हम जानते हैं 'नेट (Net)' का अर्थ जाल होता है; वास्तव में इंटरनेट भी एक जाल ही तो है। प्रसिद्ध सूचना वेबसाइट विकीपीडिया के अनुसार - "इंटरनेट विश्व में डिवाइसों / कंप्यूटरों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (TCP / IP) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड (आपस में जुड़े हुए) कंप्यूटर नेटवर्क की एक वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसायिक और वैश्विक नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है।"

अगर सरल शब्दों में कहें तो हम कह सकते हैं कि इंटरनेट एक-दूसरे से जुड़े कंप्यूटरों का एक विशाल और विश्वव्यापी नेटवर्क अथवा जाल है जिसमें तमाम संगठनों, विश्वविद्यालयों, संस्थाओं आदि के निजी और सरकारी कंप्यूटर आपस में जुड़े हुए रहते हैं। इंटरनेट आपस में जुड़े हुए कंप्यूटरों की एक जटिल किंतु एक व्यवस्थित वैश्विक प्रणाली है जिसमें जुड़े सभी कंप्यूटर इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol अथवा IP) के सहारे आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इंटरनेट से जुड़े हुए प्रत्येक कंप्यूटर की अपनी एक अद्वितीय पहचान होती है जिसे उस कंप्यूटर का IP Address कहते हैं। IP Address गणितीय अंकों के एक विशेष संयोजन (जैसे 120.33.88.20) होता है।

इंटरनेट का आविष्कार और विकास (Invention and development of the internet):

इंटरनेट का आविष्कार और विकास मानव इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी विकासों में से एक है। 1960 के दशक में इंटरनेट की उत्पत्ति का आरम्भिक चरण देखा जा सकता है, जब अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक संचार नेटवर्क विकसित करने के लिए एक शोध परियोजना शुरू की जो परमाणु हमले का सामना कर सके। इस परियोजना के परिणामस्वरूप ARPANET का विकास हुआ, जिसे इंटरनेट का अग्रदूत अथवा प्रणेता कहा जा सकता है। बाद के दशकों में, हाइपरटेक्स्ट (Hypertext), वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) और ब्रॉडबैंड कनेक्शन जैसी नई तकनीकों की शुरुआत के साथ इंटरनेट का विकास और विस्तार जारी रहा। आज, इंटरनेट आधुनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है, जो दुनिया भर के लोगों को जोड़ता है और सूचना, वाणिज्य, मनोरंजन आदि के हस्तांतरण को सक्षम बनाता है। इंटरनेट के आविष्कार और विकास ने हमारे जीने, काम करने और संवाद करने के तरीके में क्रांति ला दी है, और यह अनगिनत तरीकों से दुनिया को नई दिशा और आकार देना जारी रखे हुए है।

इंटरनेट काम कैसे करता है (How does the internet work)?

जैसे कि इस लेख में पहले ही बताया गया है कि इंटरनेट आपस में जुड़े हुए हजारों कंप्यूटरों की एक वैश्विक अंतर्जालीय प्रणाली है जिसमें जुड़े हुए सभी कंप्यूटर आपस में एक विशेष तकनीकी व्यवस्था के तहत सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इस तकनीकी व्यवस्था के तहत एक कंप्यूटर पर किसी सूचना को छोटे-छोटे पैकेटों में तोड़ा जा सकता है तथा इंटरनेट नेटवर्क के माध्यम से दूसरे कम्प्यूटर पर इस प्रकार से भेजा जा सकता है कि सूचना के ये पैकेट दूसरे कम्प्यूटर पर पहुंच कर पुन: अपने मूल रूप में प्रदर्शित हो सकें। यह सूचनाएं या डाटा Image, Text, MP3, MP4, या किसी भी अन्य प्रकार की फाइलें हो सकती हैं जो एक वैश्विक नेटवर्क अर्थात इंटरनेट के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुंचतीं हैं। अतः हम कह सकते है कि इंटरनेट का मुख्य कार्य कंप्यूटरों के बीच आपसी संवाद करना ही है। कंप्यूटरों का यह संवाद लगभग उसी तरह का है जैसे हमारे टेलीफ़ोन आपस में जुड़ कर संवाद करते हैं। अपने कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए आपको किसी इंटरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider -ISP) से निर्धारित शुल्क देकर एक इंटरनेट कनेक्शन किराए पर लेना पड़ेगा। यह ठीक वैसा ही है जैसे आप अपने मोबाइल फोन या लैंडलाइन फोन का कनेक्शन लेते है। सभी ISP इंटरनेट के विशाल नेटवर्क से जुड़े होते हैं और निर्धारित शुल्क के बदले केबल या वायरलेस नेटवर्क कनेक्शन के माध्यम से आपके कंप्यूटर या स्मार्ट फोन को इंटरनेट से जुड़ने का एक रास्ता उपलब्ध करा देते हैं। इस प्रकार इंटरनेट से जुड़ते ही Online हो जाते हैं और दुनिया भर के कंप्यूटरों से सूचनाओं या डाटा का स्थानांतरण कर सकते हैं।

कंप्यूटरों के मध्य इस तकनीकी संवाद को ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (Transmission Control Protocol - TCP) कहा जाता है। सूचनाओं का यह आदान प्रदान दो से अधिक कंप्यूटरों के नेटवर्क के बीच भी हो सकता है। विभिन्न कंप्यूटरों के मध्य इस प्रकार के संवाद को संभव बनाने के लिए ज़मीन पर फाइबर केबल्स तथा ज़मीन के ऊपर अत्याधुनिक उपग्रह संचार प्रणाली की आवश्यकता होती है। इन्ही इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों के सहारे आँकड़ों अथवा सूचनाओं का संचार प्रकाश की गति के समान तेजी से होता है। हम तक यह संचरण टेलीफ़ोन के तारों और मोबाइल कनेक्शन के द्वारा पहुंचता है। इंटरनेट के द्वारा दुनिया भर में मौजूद असंख्य कम्प्यूटर सेकेंड से भी कम समय में एक-दूसरे से संवाद करके हमें वांछित सूचनाएं अथवा सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। इंटरनेट द्वारा उपलब्ध सूचनाओं अथवा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़, वर्ल्ड वाइड वेब (www) या वेबपेज, इलेक्ट्रॉनिक मेल (e-mail), टेलीफ़ोनी तथा फ़ाइल शेयरिंग, आपसी बातचीत (ऑडियो तथा वीडियो कांफ्रेंसिंग) आदि प्रमुख हैं। इनके अलावा साथ-साथ सिनेमा, संगीत, वीडियो आदि भी इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं। इंटरनेट में डाटा ट्रांसफर की यह पूरी संरचना एक क्लाइंट-सर्वर मॉडल पर आधारित होती है।
  • सर्वर ( Server) -
कोई भी डिवाइस या कंप्यूटर जो क्लाइंट कंप्यूटरों को अनुप्रयोग या सेवाएं प्रदान करता है तथा किसी नेटवर्क के स्रोतों; जैसे प्रोग्राम और डाटा को व्यवस्थित करता है तथा एक केंद्रीय स्टोरेज उपलब्ध करता अर्थात जहां मूल डाटा (फाइलें) सुरक्षित (Save) रहती हैं उसे सर्वर कहते हैं। एक सर्वर एक ही समय में एक से अधिक क्लाइंटों को सेवा दे सकता है।
  • क्लाइंट Client :
क्लाइंट किसी कंप्यूटर या कंप्यूटर प्रोग्राम को कहते हैं, जो किसी सर्वर की केंद्रीय स्टोरेज एरिया अर्थात जहां मूल डाटा (फाइलें) सुरक्षित (Save) रहती हैं वहां तक पहुंच बनाकर सर्वर द्वारा उपलब्ध सेवाओं को प्राप्त करता है। क्लाइंट सामान्यतः किसी साझा सार्वजनिक नेटवर्क के संसाधनों का उपभोग करता है तथा उसे सर्वर द्वारा स्वयं को प्रामाणीकृत (Authenticate) कराना पड़ता है। जिस प्रकार एक सर्वर कई अलग अलग क्लाइंटों को सेवा दे सकता है उसी प्रकार एक क्लाइंट भी कई अलग अलग सर्वरों की सेवा ले सकता है।

इंटरनेट मालिक कौन (Who owns the internet)?

इंटरनेट पर किसी देश की सरकार या किसी एक संस्था विशेष का अधिकार नहीं है और न ही यह किसी एक द्वारा नियंत्रित होता है। यह एक अत्यंत विशाल और वैश्विक व्यवस्था है जो किसी सहकारिता तंत्र की भांति कार्यरत है। बेशक कोई एक व्यक्ति, कंपनी, संस्था अथवा सरकारी के पास इंटरनेट का मालिकाना हक़ या नियंत्रण नहीं है किंतु फिर भी कुछ एजेंसियां या संस्थाएं वैश्विक हित को ध्यान में रख कर इंटरनेट से संबंधित विभिन्न मुद्दों और पहलुओं पर सलाह देतीं है और इंटरनेट के समुचित परिचालन के लिए मानक या दिशा-निर्देश निर्धारित करतीं हैं। इस तरह से एक अंतरराष्ट्रीय और सामूहिक सहभागिता की व्यवस्था के तहत इंटरनेट आप तक पहुंचता है। इंटरनेट के विभिन्न क्षेत्रों लिए मानक और नियमों आदि का निर्धारण तथा रिसर्च करने वाला समूह World Wide Consortium (W3C) कहलाता है।

उल्लेखनीय है कि आपके घरों तक इंटरनेट पहुंचाने वाली कंपनियां (ISP) जैसे BSNL, Idea, MTNL, Vodafone, Jio, Rail tel इत्यादि इंटरनेट की मालिक नहीं हैं बल्कि अन्य कंपनियों के संसाधनों का उपयोग करके ये आप तक इंटरनेट पहुँचाती हैं। इन संसाधनों; जैसे समुद्र में बिछी फाइबर केबलों या ज़मीन के ऊपर संचार सैटेलाइटों के उपयोग के बदले ये कंपनियां संसाधनों के स्वामित्व वाली कंपनियों को शुल्क देती हैं तथा इसी प्रकार आपसे शुल्क वसूल कर आपको इंटरनेट उपलब्ध कराया जाता है।

मानव जीवन पर इंटरनेट का प्रभाव (Impact of the internet on human life):

मानव जीवन पर इंटरनेट का प्रभाव बहुत व्यापक और दूरगामी रहा है। इंटरनेट ने सूचना तक पहुँचने, एक दूसरे से संवाद करने, व्यापार करने और मनोरंजन करने के तौर-तरीकों को बदल दिया है। इंटरनेट ने दुनिया भर के लोगों को जुड़ने तथा सहयोग करने, भौगोलिक बाधाओं को तोड़ने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में सक्षम बनाया है। इंटरनेट ने खुदरा, मीडिया और शिक्षा जैसे उद्योगों को भी बदल दिया है। इंटरनेट के प्रभाव के परिणामस्वरूप नए व्यापारिक मॉडल बन रहे हैं तथा विकास और नवाचार के लिए नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। हालाँकि, इंटरनेट अपने साथ नई चुनौतियाँ भी लाया है, जैसे साइबर अपराध, ऑनलाइन उत्पीड़न और गलत सूचना का प्रसार। जैसा कि इंटरनेट का विकास और विस्तार जारी है, व्यक्तियों, सरकारों और संगठनों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे मिलकर काम करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसके जोखिमों और नकारात्मक प्रभावों को कम करते हुए इसके लाभों को अधिकतम किया जा सके।

सारांश (Summary):

इस लेख में आपने इंटरनेट के परिचय, परिभाषा और उसकी कार्य प्रणाली को जानने के साथ ही साथ मानव जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से पढ़ा है। समग्र रूप से देखा जाय तो 1960 के दशक में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा डिज़ाइन किए गए संचार नेटवर्क ARPANET के विकास में इंटरनेट की उत्पत्ति का स्रोत देखा जा सकता है। तब से, इंटरनेट आधुनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, लोगों के सूचना तक पहुँचने, संचार करने और व्यापार करने के तरीके को बदल रहा है। इंटरनेट ने लोगों को दुनिया भर में जुड़ने और सहयोग करने में सक्षम बनाया है और विभिन्न उद्योगों को भी बदल दिया है। हालाँकि, इंटरनेट साइबर अपराध और गलत सूचना जैसी नई चुनौतियाँ भी लाया है। जैसे-जैसे इंटरनेट का विकास जारी है, इसके लाभों को अधिकतम करते हुए इसके नकारात्मक प्रभावों का प्रबंधन करना आवश्यक होगा। कुल मिलाकर, इंटरनेट का मानव जीवन पर गहरा और दूरगामी प्रभाव पड़ा है, और यह अनगिनत तरीकों से लगातार दुनिया को नवीन स्वरूप देना जारी रखे हुए है।

2017-08-28

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Email Filter: आजकल के डिजिटल मार्केटिंग युग में हमें चाहे-अनचाहे सैकड़ों अवांछित ईमेल प्राप्त होते रहते हैं। इन्हीं Spam Mails के कारण हमारा Inbox भर जाता है और कभी-कभी हम अत्यंत महत्वपूर्ण और जरूरी ईमेल समय पर नहीं खोज पाते। कितना अच्छा हो यदि हमारे पास आने वाले सभी ईमेल जरूरी, गैर-जरूरी, स्पैम या हमारे द्वारा बनाई गई किसी अन्य कैटेगरी आदि में स्वतः ही वर्गीकृत हो जांए और सीधे इनबॉक्स में न आकर संबंधित फोल्डर में ही जांए। इस वर्गीकरण या Email Filtration से हमारा मेलबॉक्स तो व्यवस्थित रहेगा ही साथ ही महत्वपूर्ण ईमेल संदेशों को खोजने में समय और श्रम की भी बचत होगी।
जीमेल में लेबल और फिल्टर टैब
हालांकि Gmail ने अपने इनबॉक्स को Primary, Social, Promotions, Updates तथा Forums आदि श्रेणियों में विभाजित करने की सुविधा पहले ही उपलब्ध करा दी है। जीमेल आने वाले हर ईमेल संदेश की पहचान करके उसे संबंधित श्रेणी में विभाजित कर देता है। आप नीचे बताए गए तरीके से इस फीचर को चालू कर सकते हैं:-


Step-1:
दाहिने तरफ ऊपर कोने में अपने लॉगिन विवरण के नीचे Setting पर क्लिक करें।
जीमेल में फिल्टर कैसे लगाएं

Step-2:
Step-1 के बाद खुलने वाली विंडो में चित्र के अनुसार इनबॉक्स पर क्लिक करें और उसके बाद नीचे दिए गए विकल्पों (Options) के चेकबॉक्स पर टिक करके सलेक्ट कर लें।
जीमेल में फिल्टर कैसे लगाएं

Step-3:
पेज को नीचे स्क्रॉल करें और Save कर दें। अब अपने Gmail का Inbox खोल कर देखिए यह Primary, Social, Promotions, Updates आदि भागों (Tabs) में विभाजित होकर नीचे दिए गए चित्र के अनुसार दिखाई देगा। जीमेल अब हर संदेश की पहचान करके उसे संबंधित श्रेणी में स्वतः ही विभाजित कर देगा।
जीमेल में फिल्टर कैसे लगाएं

इसके अलावा भी यदि आपको अन्य फिल्टर लगाने हों जैसे, Office, Boss, Job या किसी व्यक्ति विशेष अथवा Email Address से आने वाले संदेश अपने आप ही संबंधित फोल्डर में चले जांए तो आप नीचे दिए गए दिशा-निर्देशों और बताई गई प्रक्रिया द्वारा आसानी से जीमेल में फिल्टर बना सकते हैं:-

Step-A:
  • पहले की भांति दाहिने तरफ ऊपर कोने में अपने लॉगिन विवरण के नीचे Setting पर क्लिक करें।
  • अब नीचे चित्र में बताए अनुसार Label पर क्लिक करें और नीचे स्क्रॉल करके Create Label पर क्लिक करें तथा खुलने वाली विंडो में वांछित सूचनाए अर्थात Label का नाम जैसे Office, Job आदि भरें। Create पर क्लिक करते ही आपका Label बन जाएगा। 
  • अब आप इस Label से अपने ईमेल संदेश लिंक करने के लिए तैयार हैं।


Step-B:
  • Label बना लेने के बाद आपको संबंधित Label के लिए Filter बनाना होगा। फिल्टर बनाने के लिए Filter and Blocked Addresses पर क्लिक करें।
  • अब Create a new filter पर क्लिक करें। नीचे दिए गए चित्र के अनुसार विंडो खुलेगी, इसमें आपको बड़े ध्यान से जानकारी भरनी है। जैसे किस Email Address से आने वाले मेल, किस विषय या किस शब्द के लिए के लिए आप फिल्टर बनाना चाहते हैं। 
  • सभी सूचनाएं भरने के बाद Create Filter with this Search >> पर क्लिक करें।

Step-C:
  • स्टेप-B के बाद आपको नीचे दिए गए चित्र के अनुसार विंडो दिखाई देगी। यहां आपको Apply the Label पर क्लिक करना होगा। 
  • इसके बाद Choose Label पर क्लिक करके स्टेप-A में बनाई गई Label का चयन करें।
  • अब Create Filter पर क्लिक करते ही आपका फिल्टर तैयार है।


अब जब भी आप अपना Gmail खोलेंगे तो आपको बांई तरफ पैनल में Inbox, Sent Mail आदि के नीचे आपके द्वारा बनाए गए फिल्टर से संबंधित Label का नाम भी दिखाई देगा। इस पर क्लिक करके आप इससे संबंधित ईमेल संदेश देख सकते हैं। इस तरह आपका मेलबॉक्स तो व्यवस्थित रहेगा ही साथ ही समय और ऊर्जा की भी बचत होगी।

उम्मीद है आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी। कृपया अपने कमेंट्स के माध्यम से हमें अवगत कराएं और इस लेख को अधिक से अधिक Share भी करें।

2017-08-25

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नोबल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी देश भर में बाल तस्करी और बाल यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने तथा इस संबंध में एक सशक्त लड़ाई व जागरूकता का प्रसार करने के लिए एक ऐतिहासिक भारत यात्रा की शुरूआत कर रहे हैं। यह यात्रा 'सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत के प्रति उनके विश्वास का प्रतीक है। 35 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी, जिसमें 1500 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। दक्षिण में यात्रा की शुरूआत कन्याकुमारी से होगी और इसमें पूरे पश्चिम भारत को भी कवर किया जाएगा। इसी तरह देश के पूर्वी हिस्से में यात्रा की शुरूआत गुवाहाटी से होगी, जबकि उत्तर भारत में श्रीनगर से इसकी शुरूआत होगी। यात्रा का समापन 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा। 
कैलाश सत्यार्थी की भारत यात्रा
कैलाश सत्यार्थी पिछले 36 वर्षों से दुनिया भर में बच्चों की आजादी, सुरक्षा और संरक्षा के लिए अभियान चला रहे हैं। उन्होंने 1998 में ऐतिहासिक ग्लोबल मार्च अगेंस्टग चाइल्ड लेबर की अगुआई की थी, जिससे प्रेरित होकर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बाल मजदूरी की सबसे खराब स्थिति के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन पारित किया। इसके साथ ही 2001 में शिक्षा यात्रा का नेतृत्व किया, जिसके बाद भारत के संविधान में शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर शामिल किया गया। प्रेरणादायी वैचारिक नेता के तौर पर उन्होंने हमारे देश की सामाजिक और राजनीतिक नीतियों को प्रभावित करने में उत्प्रेरक भूमिका निभाई है। बच्चों के अधिकारों के लिए उनके अनथक प्रयासों और संघर्ष के लिए उन्हें वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1893 में शिकागो में महान नेता स्वामी विवेकानंद के भाषण की सालगिरह की याद में इस यात्रा को 11 सितंबर को कन्याकुमारी के विवेकानंद मेमोरियल से रवाना किया जाएगा।


पीड़ित बच्चों  के माता-पिता के साथ भारत यात्रा की घोषणा करते हुए श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा, “आज मैं बाल यौन शोषण और तस्करी के खिलाफ युद्ध का ऐलान करता हूं। आज मैं भारत यात्रा की घोषणा कर रहा हूं, जो कि बच्चों के लिए भारत को फिर से सुरक्षित बनाने के लिए इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन होगा। मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता कि हमारे बच्चों की बेगुनाही, मुस्क़राहट और आजादी छिनती रहे या उनका बलात्कार किया जाता रहे। यह साधारण अपराध नहीं है। यह एक नैतिक महामारी है जो हमारे देश को सता रही है।

पिछले चार दशकों के दौरान बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ सबसे बड़े नागरिक आंदोलन के शिल्पकार रहे श्री सत्यार्थी का आजीवन मिशन, बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करना है। श्री सत्यातर्थी और उनका फाउंडेशन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन सितंबर में इस यात्रा को शुरू करने के लिए कई महीनों से जमीन तैयार कर रहे हैं। इस सिलेसिले में श्री सत्यार्थी ने देश भर में यात्राएं कीं और नागरिकों, धार्मिक नेताओं, कर्मचारियों तथा कॉर्पोरेट्स, सांसदों, सामाजिक संगठनों आदि से मुलाकात की और सभी ने पूरे दिल से भारत यात्रा का समर्थन करने का वचन दिया और इसे हमारे देश के लिए एक आवश्यक लड़ाई करार देते हुए इस इस नेक कार्य की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।


हाल ही में उन्होंने दिल्ली में सांसदों से मुलाकात कर बाल तस्करी और बाल यौन शोषण के मुद्दे पर जानकारी दी और इस खतरे के प्रति जागरूकता फैलाने में उनका समर्थन मांगा। पिछले महीने उन्होंने बेंगलुरू में LinkedIn के 500 से ज्यादा कर्मचारियों से बात की और LinkedIn जैसे कॉर्पोरेट्स को हमारे देश के भविष्य के लिए मजबूत रुख अपनाने की जरूरत के लिए प्रेरित किया। वह नई दिल्ली में कई धर्मों के प्रमुखों के साथ भी बैठक कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस लड़ाई में देश भर में समाज के सभी वर्गों का साथ मिले। दिल्ली में इस यात्रा से पर्दा उठाया गया जिसमें भारत यात्रा से संबंधित एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें देश भर के बच्चों की स्वतंत्रता, सुरक्षा और संरक्षा के लिए एकजुट होने और लड़ने की अपील की गई है। इस अभियान के द्वारा देश के एक करोड़ लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है।


भारत यात्रा बच्चों का बलात्कार और बाल यौन शोषण के खिलाफ तीन साल के अभियान की शुरूआत है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और मामलs दर्ज करने, चिकित्सा स्वास्थ्य और मुआवजा सहित सुनवाई के दौरान पीड़ितों और गवाहों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा बाल यौन शोषण के दोषियों को समयबद्ध सजा दिलाने के मामलों में तेजी लाने के लिए संस्थाकगत प्रतिक्रिया को सुदृढ़ बनाना है।

इस लॉन्च में तस्करी और दुर्व्यवहार के शिकार बच्चों के परिवारों को भी दिखाया गया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि कुछ लोगों के गलत व्यवहार की वजह से उन्हें किस तरह भावनात्मक और शारीरिक आघात का सामना करना पड़ा। परिवारों ने भी इस अभियान में समर्थन का वचन दिया और उम्मीद जताई कि यह अभियान क्रांति लाएगा। बच्चों के शोषण के खिलाफ देश को अपनी लड़ाई जारी रखना समय की अनिवार्य जरूरत बन गई है।

नोट: यह लेख तृतीय पक्ष द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर लिखा गया है। हिंदी ई-टूल्स || Hindi e-Tools का इससे कोई सीधा संबंध नहीं है।

2017-08-24

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टेलीकॉम मार्केट में आने के साथ ही Reliance Jio ने धूम मचा दी है। पहले Jio SIM फिर Free DATA और एक बार फिर Jio Mobile Phone के साथ मार्केट में तहलका मचाने को तैयार है। आज यानी 24 अगस्त 2017 शाम 5:30 बजे से जियो फोन की Pre booking शुरू हो चुकी है। 15 अगस्त इस से फोन की बीटा टेस्टिंग हो रही थी और अब Reliance Jio ने इसे प्री-बुकिंग के जरिए आम लोगों के लिए उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। रिलायंस का लक्ष्य एक सप्ताह में 40 से 50 लाख जियो फोन बेचने का है। तो आइए रिलायंस जियो के 4जी फीचर फोन और इसकी बुकिंग के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Reliance Jio 4G Feature Phone

प्री-बुकिंग (Pre Booking):
Jio Phone की की बुकिंग 2 तरीके से होगी अर्थात ऑनलाइन और ऑफलाइन। खास बात ये है कि देशभर में एक व्यक्ति सिर्फ एक यूनिट ही बुक कर सकता है। अगर आप एक से फोन यूनिट बुक करना चाहते हैं तो आपको अपने संस्थान का पैन या जीएसटीएन नंबर देना होगा।


ऑनलाइन माध्यम से बुकिंग (Online Bokking) -
सबसे पहले ऑनलाइन बुकिंग की बात करते हैं। अगर आप ऑनलाइन बुक करना चाहते हैं तो रिलायंस 4जी फीचर फोन की ऑनलाइन बुकिंग रिलायंस जियो के MyJio App अथवा www.jio.com वेबसाइट पर की जा सकती है। जियोफोन की ऑनलाइन बुकिंग के लिए ऐप का एक्सेस ना रखने वालों को नजदीकी अधिकृत ऑफलाइन जियो रिटेलर के पास जाकर अपनी किस्मत आजमानी होगी।

ऑफलाइन यानी जियो रिटेलर/ दुकानों के माध्यम से बुकिंग (Offline Booking) -
अगर ऑफलाइन बुकिंग की बात करें तो देश भर में करीब 700 शहरों में रिलायंस डिजिटल के लगभग 1,996 आउटलेट्स हैं जबकि रिलायंस जियो के 1,072 सेंटर भी बनाए गए हैं। यहां सभी जगह जियो के फ्री 4जी फीचर फोन की बुकिंग की जा सकती है। अधिकृत दुकानों से फोन बुक करने के लिए आपको 500 रुपये देने होंगे और डिलीवरी के समय आपसे 1,000 रुपये और लिए जाएंगे। इसके अलावा आप फोन की प्री-बुकिंग जियो स्टोर या रिलायंस डिजिटल स्टोर से भी कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि प्री-बुकिंग के दौरान यहां आपको कोई पैसा नहीं देना होगा।

जरूरी दस्तावेज (Essential Documents):
जियो फोन की ऑफलाइन प्री बुकिंग अर्थात दुकान से फोन बुक करने के लिए आपको अपने आधार कार्ड की फोटो कॉपी और एक फोटो देने होंगे। उसके बाद फोन बुक हो जाएगा और आपको एक टोकन मिल जाएगा। फोन लेते समय आपको टोकन देना होगा और उसी समय आपको फोन की सिक्योरिटी राशि देनी होगी जिसे आप 3 साल बाद फोन वापस करके ले सकते हैं।

ध्यान दें कि एक आधार कार्ड पर केवल एक ही फोन लिया जा सकता है। यह फोन पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा।

कीमत अथवा सिक्योरिटी डिपॉज़िट (Price or Security Deposit):
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी के मुताबिक, जियो फोन के लिए ग्राहक को कोई कीमत नहीं चुकानी होगी, लेकिन यूज़र को इसके लिए सिक्योरिटी के तौर पर 1,500 रुपये जमा करने होंगे जो तीन साल बाद वापस मिल जाएंगे यानी फोन की प्रभावी कीमत शून्य होगी।


डिलीवरी (Delivery):
जब जियो फोन लॉन्च किया गया था तब बताया गया था कि फोन की डिलीवरी सितंबर माह में होगी, लेकिन किस तारीख से होगी यह तब नहीं बताया गया था। खबरों के अनुसार माना जा रहा है कि अभी बुक करने वाले ग्राहकों को फोन की डिलीवरी 1 सितंबर से लेकर 4 सितंबर के बीच शुरू की जाएगी, हालांकि यह भी हो सकता है कि ज्यादा बुकिंग के कारण फोन की डिलीवरी में देर भी हो जाए। अगर आप जियो 4जी फ़ीचर फोन को अपने हाथों में देखना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि जितनी जल्दी हो सके बुकिंग करा लें।

फीचर (Reliance 4G Feature Phone Specifications):
बात करें Jio Phone के फीचर्स की तो इस फोन में निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं:-
  • 2.4 इंच QVGA Screen
  • 4 GB इनबिल्ट स्टोरेज
  • 512 एमबी RAM
  • न्यूमेरिक कीपैड
  • 4 नेविगेशन बटन
  • माइक्रोएसडी स्लॉट
  • फोटोग्राफी के लिए 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा
  • सेल्फी के लिए VGA कैमरा
  • टॉर्च लाइट
  • एफएम रेडियो
  • ब्लूटूथ
  • नेविगेशन
इसके अलावा इसमें जियो टीवी और जियो सिनेमा जैसे ऐप पहले से इंस्टॉल होंगे जिनके माध्यम से आप 6,000 से ज्यादा फिल्में तथा 60,000 से ज्यादा म्यूजिक वीडियो का आनंद उठा सकते हैं। जियो म्यूजिक पर 20 भाषाओं में 1 करोड़ से ज्यादा गानों के उपलब्ध होने का दावा किया है।

सबसे खास बात है यह फोन 22 भारतीय भाषाओं जैसे आसामी, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलूगू और उर्दू आदि को सपोर्ट करेगा।


Reliance Jio 4G Feature Phone में 0 बटन दबाकर इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस फोन में यूट्यूब वीडियो, म्यूजिक डाउनलोड, न्यूज अपडेट, एजुकेशन मैटिरियल, फेसबुक, मैट्रिमनियल, राशिफल, वॉलपेपर डाउनलोड, जॉब सर्च, मौसम आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जियो फोन को एक टीवी-केबल एक्सेसरी के जरिए किसी भी तरह के टीवी से कनेक्ट किया जा सकेगा। यानी फोन के कंटेट को आप आसानी से बड़े स्क्रीन पर देख सकते हैं।

कंपनी ने आने वाले सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए एनएफसी सपोर्ट और यूपीआई के जरिए टैप-एंड-पे पेमेंट और क्रेडिट व डेबिट कार्ड को लिंक कर पाएंगे।

उम्मीद है कि ऊपर दी गई जानकारी से आपको जियो फोन और इसकी बुकिंग आदि से जुड़े अपने कई सवालों के जवाब मिल गए होंगे। Jio Phone में एक सिम के लिए ही सपोर्ट होगा। जियो फोन सिर्फ 4G पर काम करने वाला हैंडसेट है। इसमें फोन कॉल वॉयस ओवर एलटीई (VOLTE) तकनीक के ज़रिए होते हैं। आपको पता ही होगा कि अभी भारत में रिलायंस जियो ही अकेली ऐसी कंपनी है जो 4जी वीओएलटीई नेटवर्क देती है। इसका मतलब है कि सिर्फ इस कंपनी के सिम कार्ड ही फोन पर काम करेंगे, यानी जियो फोन पर एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और बीएसएनएल के सिम इस्तेमाल करने के बारे में भूल जाइए। वैसे, एयरटेल ने जानकारी दी है कि वह जल्द ही वॉयस ओवर एलटीई सेवा की शुरुआत करेगी। लेकिन जियो फोन में सिम लॉक होना निश्चित माना जा रहा है।